NA SHIKHARO SOHAY -JAIN STAVAN
|| ऊँचा ऊँचा शत्रुंजय ना शिखरों -जैन स्तवन ||
UNCHA UNCHA SHETRUNJAYA NA SHIKHARO SOHAY |
मातुश्री पवनिदेवी अमीचंदजी खाटेड़ संघवी || राजस्थान : करडा
MATUSHREE PAVANIDEVI AMICHANDJI KHATED SANGHVI
|| UNCHA UNCHA SHETRUNJAYA gujrati lyrics ||
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्यना, शिखरो सोहाय
वच्चे मारा (२) दादा केरा, देरा जगमग थाय
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्य…
दादा तारी यात्रा करवा, मारुं मन ललचाय (२)
तळेटीए शीश नमावी, चढवा लागुं पाय (२)
पावन गीरीनो (२) स्पर्श थाता, पापो दूर पलाय
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्य…
लीली लीली झाडियोमां (२), पंखी करे कलशोर (२)
सोपान चढतां चढतां जाणे, हैयुं अषाढी मोर (२)
कांकरे कांकरे (२) सिद्ध अनंता, लळी लळी लागुं पाय
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्य…
पेहली आवे रामपोळने (२), त्रीजी वाघणपोळ (२)
शांतिनाथना दर्शन करता, पहोंच्या हाथी पोळ (२)
सामे मारा (२) दादा केरा, दरबार देखाय
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्य…
दोडी दोडी आवुं दादा तारा (२), दर्शन करवा आज (२)
भाव भरेली भक्ति करीने, सारु आतम काज (२)
मरुदेवाना (२) नंदन नीरखी, जीवन पावन थाय
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्य…
क्षमा भावे ओमकार पद नो (२), नित्य करीश हुं जाप (२)
दादा तारा गुणला गाता, कापीश भवना पाप (२)
पद्मविजय ने (२) हैये आजे, आनंद उभराय
ऊंचा ऊंचा शत्रुंज्य…
uncha uncha shetrunjaya na shikharo sohay |
ऊँचा ऊँचा शत्रुंजय ना शिखरों |
TRIJI VAGHAN POOL...(2)
DAUDI DAUDI AAVU DADA ....,DARSHAN KARVA AAJ....(2)
BHAV BHARI TARI BHAKTI KARTA.. SADHYU AATAM KAAJ...(2)
MARUDEVINA .....
MARUDEVINA NANDAN BHETI ...,JEEVAN PAWAN THAY...(2)
UNCHA UNCHA SHETRUNJAYA NA SHIKARO SOHAY... (2)
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